mirza ghalib shayari in hindi 2 lines (2020)

mirza ghalib shayari in hindi 2 lines


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mirza ghalib shayari in hindi 2 lines

  • 💠💠💠

  • मुद्‌दत हुई है यार को मिह्‌मां किये हुए
  • जोश-ए क़दह से बज़्‌म चिराग़ां किये हुए

  • कर्‌ता हूं जम`अ फिर जिगर-ए लख़्‌त-लख़्‌त को
`अर्‌सह हुआ है द`वत-ए मिज़ह्‌गां किये हुए

  • फिर वज़`-ए इह्‌तियात से रुक्‌ने लगा है दम
  • बर्‌सों हुए हैं चाक-ए गरेबां किये हुए

  • फिर गर्‌म-ए नालह्‌हा-ए शरर-बार है नफ़स
  • मुद्‌दत हुई है सैर-ए चिराग़ां किये हुए

  • फिर पुर्‌सिश-ए जराहत-ए दिल को चला है `इश्‌क़
  • सामान-ए सद-हज़ार नमक्‌दां किये हुए

  • फिर भर रहा हूं ख़ामह-ए मिज़ह्‌गां ब ख़ून-ए दिल
  • साज़-ए चमन-तराज़ी-ए दामां किये हुए

  • बा-हम-दिगर हुए हैं दिल-ओ-दीदह फिर रक़ीब
  • नज़्‌ज़ारह-ए जमाल का सामां किये हुए

  • दिल फिर तवाफ़-ए कू-ए मलामत को जाए है
  • पिन्‌दार का सनम-कदह वीरां किये हुए

  • फिर शौक़ कर रहा है ख़रीदार की तलब
  • `अर्‌ज़-ए मत`-ए `अक़्‌ल-ओ-दिल-ओ-जां किये हुए

  • दौड़े है फिर हर एक गुल-ओ-लालह पर ख़ियाल
  • सद गुल्‌सितां निगाह का सामां किये हुए

  • फिर चाह्‌ता हूं नामह-ए दिल्‌दार खोल्‌ना
  • जां नज़्‌र-ए दिल-फ़रेबी-ए `उन्‌वां किये हुए

  • मांगे है फिर किसी को लब-ए बाम पर हवस
  • ज़ुल्‌फ़-ए सियाह रुख़ पह परेशां किये हुए

  • चाहे है फिर किसी को मुक़ाबिल में आर्‌ज़ू
  • सुर्‌मे से तेज़ दश्‌नह-ए मिज़ह्‌गां किये हुए

  • इक नौ-बहार-ए नाज़ को ताके है फिर निगाह
  • चह्‌रह फ़ुरोग़-ए मै से गुलिस्‌तां किये हुए

  • फिर जी में है कि दर पर किसी के पड़े रहें
  • सर ज़ेर-बार-ए मिन्‌नत-ए दर्‌बां किये हुए

  • जी ढूंड्‌ता है फिर वही फ़ुर्‌सत कि रात दिन
  • बैठे रहें तसव्‌वुर-ए जानां किये हुए

  • ग़ालिब हमें न छेड़ कि फिर जोश-ए अश्‌क से
  • बैठे हैं हम तहीयह-ए तूफ़ां किये हुए

  • 💠💠💠

  • mirza ghalib shayari in hindi 2 lines

  • 💠💠💠

  • नुक्‌तह-चीं है ग़म-ए दिल उस को सुनाए न बने
  • क्या बने बात जहां बात बनाए न बने

  • मैं बुलाता तो हूं उस को मगर अय जज़्‌बह-ए दिल
  • उस पह बन जाए कुछ ऐसी कि बिन आए न बने

  • खेल सम्‌झा है कहीं छोड़ न दे भूल न जाए
  • काश यूं भी हो कि बिन मेरे सताए न बने

  • ग़ैर फिर्‌ता है लिये यूं तिरे ख़त को कि अगर
  • कोई पूछे कि यह क्या है तो छुपाए न बने

  • इस नज़ाकत का बुरा हो वह भले हैं तो क्‌या
  • हाथ आवें तो उंहें हाथ लगाए न बने

  • कह सके कौन कि यह जल्‌वह-गरी किस की है
  • पर्‌दह छोड़ा है वह उस ने कि उठाए न बने

  • मौत की राह न देखूं कि बिन आए न रहे
  • तुम को चाहूं कि न आओ तो बुलाए न बने

  • बोझ वह सर से गिरा है कि उठाए न उठे
  • काम वह आन पड़ा है कि बनाए न बने

  • `इश्‌क़ पर ज़ोर नहीं है यह वह आतिश ग़ालिब
  • कि लगाए न लगे और बुझाए न बने

  • 💠💠💠

  • mirza ghalib shayari in hindi 2 lines

  • कोई खुशियों की चाह में रोया
  • कोई दुखों की पनाह में रोया..
  • अजीब सिलसिला हैं ये ज़िंदगी का..
  • कोई भरोसे के लिए रोया..
  • कोई भरोसा कर के रोया..

  • मोहबत को जो निभाते हैं उनको मेरा सलाम है,
  • और जो बीच रास्ते में छोड़ जाते हैं उनको, हुमारा ये पेघाम हैं,
  • “वादा-ए-वफ़ा करो तो फिर खुद को फ़ना करो,
  • वरना खुदा के लिए किसी की ज़िंदगी ना तबाह करो”

  • छू ले आसमान ज़मीन की तलाश ना कर,
  • जी ले ज़िंदगी खुशी की तलाश ना कर,
  • तकदीर बदल जाएगी खुद ही मेरे दोस्त,
  • मुस्कुराना सीख ले वजह की तलाश ना कर

  • तू चाँद मे सितारा होता
  • आसमान के एक आशियाना में
  • एक आशियाना हमारा होता
  • लोग तुम्हे दूर से देखते
  • नज़दीक से देखने का हक़ बस हमारा होता|

  • शायर तो हम है शायरी बना देंगे
  • आपको शायरी मे क़ैद कर लेंगे|

  • कभी सूनाओ हमे अपनी आवाज़
  • आपकी आवाज़ को हम ग़ज़ल बना देंगे.|

  • 💖💖
  • mirza ghalib shayari in hindi 2 lines


  • 💠💠💠

  • दर्द हो दिल में तो दवा कीजे
  • दिल ही जब दर्द हो तो क्या कीजे

  • हमको फ़रियाद करनी आती है
  • आप सुनते नहीं तो क्या कीजे

  • इन बुतों को ख़ुदा से क्या मतलब
  • तौबा तौबा ख़ुदा ख़ुदा कीजे

  • रंज उठाने से भी ख़ुशी होगी
  • पहले दिल दर्द आशना कीजे

  • अर्ज़-ए-शोख़ी निशात-ए-आलम है
  • हुस्न को और ख़ुदनुमा कीजे

  • दुश्मनी हो चुकी बक़द्र-ए-वफ़ा
  • अब हक़-ए-दोस्ती अदा कीजे

  • मौत आती नहीं कहीं, ग़ालिब
  • कब तक अफ़सोस जीस्त का कीजे

  • 💠💠💠

  • mirza ghalib shayari in hindi 2 lines

  • 💠💠💠

  • यूं तो हम हिज़र में भी दीवार -ओ -दर को देखते हैं 
  • कभी सबा को कभी नामाबर को देखते हैं 
  • वो आये घर में हमारे खुदा की कुदरत है 
  • कभी हम उन को कभी अपने घर को देखते हैं

  • 💠💠💠

  • mirza ghalib shayari in hindi 2 lines

  • 💠💠💠

  • आज फिर इस दिल में बेक़रारी है
  • सीना रोए ज़ख्म-ऐ-कारी है
  • फिर हुए नहीं गवाह-ऐ-इश्क़ तलब 
  • अश्क़-बारी का हुक्म ज़ारी है
  • बे-खुदा , बे-सबब नहीं , ग़ालिब
  • कुछ तो है जिससे पर्दादारी है

  • 💠💠💠

  • mirza ghalib shayari in hindi 2 lines

  • 💠💠💠

  • दुःख दे कर सवाल करते हो
  • तुम भी ग़ालिब कमाल करते हो

  • देख कर पूछ लिया हाल मेरा
  • चलो कुछ तो ख्याल करते हो

  • शहर-ऐ-दिल में उदासियाँ कैसी 
  • यह भी मुझसे सवाल करते हो

  • मरना चाहे तो मर नहीं सकते
  • तुम भी जिना मुहाल करते हो

  • अब किस किस की मिसाल दू मैं तुम को
  • हर सितम बे-मिसाल करते हो

  • 💠💠💠

  • mirza ghalib shayari in hindi 2 lines

  • 💠💠💠

  • मैं उन्हें छेड़ूँ और कुछ न कहें 
  • चल निकलते जो में पिए होते 
  • क़हर हो या भला हो , जो कुछ हो 
  • काश के तुम मेरे लिए होते 
  • मेरी किस्मत में ग़म गर इतना था 
  • दिल भी या रब कई दिए होते 
  • आ ही जाता वो राह पर ‘ग़ालिब ’
  • कोई दिन और भी जिए होते

  • 💠💠💠

  • mirza ghalib shayari in hindi 2 lines

  • 💠💠💠

  • सादगी पर उस के मर जाने की  हसरत दिल में है 
  • बस नहीं चलता की फिर खंजर काफ-ऐ-क़ातिल में है 
  • देखना तक़रीर के लज़्ज़त की जो उसने कहा 
  • मैंने यह जाना की गोया यह भी मेरे दिल में है

  • 💠💠💠

  • mirza ghalib shayari in hindi 2 lines

  • 💠💠💠

  • मेह वो क्यों बहुत पीते बज़्म-ऐ-ग़ैर में या रब 
  • आज ही हुआ मंज़ूर उन को इम्तिहान अपना 
  • मँज़र इक बुलंदी पर और हम बना सकते “ग़ालिब”
  • अर्श से इधर होता काश के मकान अपना

  • 💠💠💠

  • mirza ghalib shayari in hindi 2 lines

  • 💠💠💠

  • हर एक बात पे कहते हो तुम कि 'तू क्या है'
  • तुम्हीं कहो कि ये अंदाज़-ए-गुफ़्तगू क्या है

  • न शोले में ये करिश्मा न बर्क़ में ये अदा
  • कोई बताओ कि वो शोखे-तुंद-ख़ू क्या है

  • ये रश्क है कि वो होता है हमसुख़न तुमसे
  • वर्ना ख़ौफ़-ए-बद-आमोज़िए-अ़दू क्या है

  • चिपक रहा है बदन पर लहू से पैराहन
  • हमारी जेब को अब हाजत-ए-रफ़ू क्या है

  • जला है जिस्म जहाँ, दिल भी जल गया होगा
  • कुरेदते हो जो अब राख, जुस्तजू क्या है

  • रगों में दौड़ने-फिरने के हम नहीं क़ायल
  • जब आँख ही से न टपका, तो फिर लहू क्या है

  • वो चीज़ जिसके लिये हमको हो बहिश्त अज़ीज़
  • सिवाए वादा-ए-गुल्फ़ाम-ए-मुश्कबू क्या है

  • पियूँ शराब अगर ख़ुम भी देख लूँ दो-चार
  • ये शीशा-ओ-क़दह-ओ-कूज़ा-ओ-सुबू क्या है

  • रही न ताक़त-ए-गुफ़्तार और अगर हो भी
  • तो किस उमीद पे कहिए कि आरज़ू क्या है

  • हुआ है शाह का मुसाहिब, फिरे है इतराता
  • वरना शहर में 'ग़ालिब; की आबरू क्या है

  • 💠💠💠

  • mirza ghalib shayari in hindi 2 lines

  • 💠💠💠

  • ग़ैर लें महफ़िल में बोसे जाम के
  • हम रहें यूँ तिश्ना-लब पैग़ाम के

  • ख़स्तगी का तुम से क्या शिकवा कि ये
  • हथकण्डे हैं चर्ख़-ए-नीली-फ़ाम के

  • ख़त लिखेंगे गरचे मतलब कुछ न हो
  • हम तो आशिक़ हैं तुम्हारे नाम के

  • रात पी ज़मज़म पे मय और सुब्ह-दम
  • धोए धब्बे जामा-ए-एहराम के

  • दिल को आँखों ने फँसाया क्या मगर
  • ये भी हल्क़े हैं तुम्हारे दाम के

  • शाह के है ग़ुस्ल-ए-सेह्हत की ख़बर
  • देखिए कब दिन फिरें हम्माम के

  • इश्क़ ने ग़ालिब निकम्मा कर दिया
  • वर्ना हम भी आदमी थे काम के

  • 💠💠💠

  • mirza ghalib shayari in hindi 2 lines

  • 💠💠💠

  • आह को चाहिए एक उम्र असर होने तक
  • कौन जीता है तॆरी ज़ुल्फ कॆ सर होने तक

  • दाम हर मौज में है हल्का-ए-सदकामे-नहंग
  • देखे क्या गुजरती है कतरे पे गुहर होने तक

  • आशिकी सब्र तलब और तमन्ना बेताब‌
  • दिल का क्या रंग करूं खून‍-ए-जिगर होने तक

  • हमने माना कि तगाफुल न करोगे लेकिन‌
  • ख़ाक हो जाएँगे हम तुमको ख़बर होने तक

  • परतवे-खुर से है शबनम को फ़ना की तालीम
  • में भी हूँ एक इनायत की नज़र होने तक

  • यक-नज़र बेश नहीं, फुर्सते-हस्ती गाफिल
  • गर्मी-ए-बज्म है इक रक्स-ए-शरर होने तक

  • गम-ए-हस्ती का 'असद' कैसे हो जुज-मर्ग-इलाज
  • शमा हर रंग में जलती है सहर होने तक

  • 💠💠💠

  • mirza ghalib shayari in hindi 2 lines

  • 💠💠💠

  • इश्क़ मुझको नहीं, वहशत ही सही
  • मेरी वहशत तेरी शोहरत ही सही

  • क़त्अ कीजे, न तअल्लुक़ हम से
  • कुछ नहीं है, तो अदावत ही सही

  • मेरे होने में है क्या रुसवाई
  • ऐ वो मजलिस नहीं, ख़ल्वत ही सही

  • हम भी दुश्मन तो नहीं हैं अपने
  • ग़ैर को तुझसे मुहब्बत ही सही

  • हम कोई तर्के-वफ़ा करते हैं
  • ना सही इश्क़, मुसीबत ही सही

  • हम भी तस्लीम की ख़ू डालेंगे
  • बेनियाज़ी तेरी आदत ही सही

  • यार से छेड़ चली जाए 'असद'
  • गर नहीं वस्ल तो हसरत ही सही

  • 💠💠💠

  • mirza ghalib shayari in hindi 2 lines

  • 💠💠💠

  • मिलती है ख़ू-ए-यार से नार इल्तेहाब में
  • काफ़िर हूँ गर न मिलती हो राहत अज़ाब में

  • कब से हूँ क्या बताऊँ जहान-ए-ख़राब में
  • शब हाए हिज्र को भी रखूँगा हिसाब में

  • ता फिर न इंतिज़ार में नींद आए उम्र भर
  • आने का अहद कर गए आए जो ख़्वाब में

  • क़ासिद के आते आते ख़त एक और लिख रखूँ
  • मैं जानता हूँ वो जो लिखेंगे जवाब में

  • मुझ तक कब उनकी बज़्म में आता था दौर-ए-जाम
  • साक़ी ने कुछ मिला न दिया हो शराब में

  • लाखों लगाव एक चुराना निगाह का
  • लाखों बनाव एक बिगड़ना इताब में

  • ग़ालिब छुटी शराब पर अब भी कभी कभी
  • पीता हूँ रोज़-ए-अब्र-ओ-शब-ए-माहताब में

  • 💠💠💠

  • mirza ghalib shayari in hindi 2 lines

  • 💠💠💠

  • हज़ारों ख्वाहिशें ऐसी के हर ख्वाहिश पे दम निकले
  • बहुत निकले मेरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले

  • डरे क्यूँ मेरा क़ातिल क्या रहेगा उसकी गरदन पर
  • वो ख़ूँ जो चश्म ए तर से उम्र भर यूँ दमबदम निकले

  • निकलना ख़ुल्द से आदम का सुनते आए हैं लेकिन
  • बहुत बेआबरू होकर तेरे कूंचे से हम निकले

  • भरम खुल जाए ज़ालिम तेरे क़ामत की दराज़ी का
  • अगर उस तुररा ए पुरपेचोख़म का पेचोख़म निकले

  • मगर लिखवाए कोई उसको ख़त तो हम से लिखवाए
  • हुई सुबह और घर से कान पर रखकर क़लम निकले

  • हुई इस दौर में मनसूब मुझसे बादा आशामी
  • फिर आया वो ज़माना जो जहाँ में जामेजम निकले

  • हुई जिनसे तवक़्क़ो ख़स्तगी की दाद पाने की
  • वो हमसे भी ज़्यादा ख़स्ता ए तेग ए सितम निकले

  • मोहब्बत में नहीं है फ़र्क़ जीने और मरने का
  • उसी को देख के जीते हैं जिस काफ़िर पे दम निकले

  • कहाँ मैख़ाने का दरवाज़ा ग़ालिब और कहाँ वाइज़
  • पर इतना जानते हैं कल वो जाता था के हम निकले

  • 💠💠💠

  • mirza ghalib shayari in hindi 2 lines

  • 💠💠💠

  • दिल ही तो है न संग-ओ-ख़िश्त दर्द से भर न आये क्यों
  • रोएंगे हम हज़ार बार कोई हमें सताये क्यों

  • दैर नहीं, हरम नहीं, दर नहीं, आस्तां नहीं
  • बैठे हैं रहगुज़र पे हम, ग़ैर हमें उठाये क्यों

  • जब वो जमाल-ए-दिलफ़रोज़, सूरते-मेह्रे-नीमरोज़
  • आप ही हो नज़ारा-सोज़, पर्दे में मुँह छिपाये क्यों

  • दश्ना-ए-ग़म्ज़ा जांसितां, नावक-ए-नाज़ बे-पनाह
  • तेरा ही अक्स-ए-रुख़ सही, सामने तेरे आये क्यों

  • क़ैदे-हयातो-बन्दे-ग़म अस्ल में दोनों एक हैं
  • मौत से पहले आदमी ग़म से निजात पाये क्यों

  • हुस्न और उसपे हुस्न-ज़न रह गई बुल्हवस की शर्म
  • अपने पे एतमाद है ग़ैर को आज़माये क्यों

  • वां वो ग़ुरूर-ए-इज़्ज़-ओ-नाज़ यां ये हिजाब-ए-पास-वज़अ़
  • राह में हम मिलें कहाँ, बज़्म में वो बुलायें क्यों

  • हाँ वो नहीं ख़ुदापरस्त, जाओ वो बेवफ़ा सही
  • जिसको हो दीन-ओं-दिल अज़ीज़, उसकी गली में जाये क्यों

  • 'ग़ालिब'-ए-ख़स्ता के बग़ैर कौन-से काम बन्द हैं
  • रोइए ज़ार-ज़ार क्या, कीजिए हाय-हाय क्यों

  • 💠💠💠

  • mirza ghalib shayari in hindi 2 lines

  • 💠💠💠

  • वो फ़िराक और वो विसाल कहाँ
  • को शब ओ रोज़ ओ माह ओ साल कहाँ

  • फुर्सत-ए-कारोबार-ए-शौक किसे
  • ज़ौक-ए-नज़ारा-ए-ज़माल कहाँ

  • दिल तो दिल वो दिमाग भी ना रहा
  • शोर-ए-सौदा-ए-खत्त-ओ-खाल कहाँ

  • थी वो इक शख्स की तसव्वुर से
  • अब वो रानाई-ए-ख़याल कहाँ

  • ऐसा आसां नहीं लहू रोना
  • दिल में ताक़त जिगर में हाल कहाँ

  • हमसे छूटा किमारखाना-ए-इश्क
  • वाँ जो जावे गिरह में माल कहाँ

  • फ़िक्र-ए-दुनिया में सर खपाता हूँ
  • मैं कहाँ और ये बवाल कहाँ

  • मुज़महिल हो गए कवा ग़ालिब
  • वो अनासिर में एतिदाल कहाँ

  • बोसे में वो मुज़ाइक़ा न करे
  • पर मुझे ताक़ते सवाल कहा

  • 💠💠💠

  • mirza ghalib shayari in hindi 2 lines

  • 💠💠💠

  • ये ना थी हमारी क़िस्मत के विसाल-ए-यार होता
  • अगर और जीते रहते, यही इंतजार होता

  • तेरे वादे पर जिये हम, तो ये जान झूठ जाना
  • के खुशी से मर ना जाते, अगर 'ऐतबार' होता

  • तेरी नाज़ुकी से जाना के बँधा था 'एहेद-ए-बोधा'
  • कभी तू ना तोड़ सकता, अगर उस्तुवार होता

  • कोई मेरे दिल से पूछे तेरे तीर-ए-नीम कश को
  • ये खलिश कहाँ से होती, जो जिगर के पार होता

  • ये कहाँ की दोस्ती है के बने हैं दोस्त नासेह
  • कोई चारासाज़ होता, कोई गम-गुसार होता

  • रग-ए-संग से टपकता, वो लहू की फिर ना थमता
  • जिसे गम समझ रहे हो, ये अगर शरार होता

  • ग़म अगरचे जान-गुलिस हैं , पे कहाँ बचें के दिल हैं
  • ग़म-ए-इश्क़ गर ना होता, ग़म-ए-रोज़गार होता

  • कहूँ किस से मैं के क्या हैं शब-ए-ग़म बुरी बला हैं
  • मुझे क्या बुरा था मरना अगर एक बार होता

  • हुए मर के हम जो रुसवा, हुए क्यों ना गर्क-ए-दरिया
  • ना कभी जनाज़ा उठता, ना कहीं मज़ार होता

  • उसे कौन देख सकता के यगान हैं वो यक्ता
  • जो दूई की बू भी होती, तो कहीं दो चार होता

  • ये मसाइल-ए-तसव्वुफ़, ये तेरा बयान 'ग़ालिब'
  • तुझे हम वली समझते, जो ना बादा-ख्वार होता

  • 💠💠💠

  • mirza ghalib shayari in hindi 2 lines

  • 💠💠💠

  • दोस्त ग़म-ख़्वारी में मेरी सई फ़रमावेंगे क्या
  • ज़ख़्म के भरते तलक नाख़ुन न बढ़ जावेंगे क्या

  • बे-नियाज़ी हद से गुज़री बंदा-परवर कब तलक
  • हम कहेंगे हाल-ए-दिल और आप फ़रमावेंगे क्या

  • हज़रत-ए-नासेह गर आवें दीदा ओ दिल फ़र्श-ए-राह
  • कोई मुझ को ये तो समझा दो कि समझावेंगे क्या

  • आज वाँ तेग़ ओ कफ़न बाँधे हुए जाता हूँ मैं
  • उज़्र मेरे क़त्ल करने में वो अब लावेंगे क्या

  • गर किया नासेह ने हम को क़ैद अच्छा यूँ सही
  • ये जुनून-ए-इश्क के अंदाज़ छुट जावेंगे क्या

  • ख़ाना-ज़ाद-ए-ज़ुल्फ़ हैं ज़ंजीर से भागेंगे क्यूँ
  • हैं गिरफ़्तार-ए-वफ़ा ज़िंदाँ से घबरावेंगे क्या

  • है अब इस मामूरे में क़हत-ए-ग़म-ए-उल्फ़त असद
  • हम ने ये माना कि दिल्ली में रहें खावेंगे क्या

  • 💠💠💠

  • mirza ghalib shayari in hindi 2 lines

  • 💖💖

  • सूरज आग उगलता है
  • सहना धरती को पड़ता है
  • मोह्हबत निगाहे कराती है
  • सहेना दिल को पड़ता है…

  • सूरज आग उगलता है
  • सहना धरती को पड़ता है
  • मोह्हबत निगाहे कराती है
  • सहेना दिल को पड़ता है…

  • प्यार करने वाले मरते नही मार दिए जाते हैं,
  • हिंदू कहते हैं मारदो इन्हे,
  • मुस्लिम कहते हैं दफ़ना दो इन्हे,
  • पर कोई ये क्यूँ नही कहता की मिला दो इन्हे.. ;(

  • कोई बुक ऐसी मिलती जिस पे दिल लूटा देते
  • हर सब्जेक्ट ने दिमाग़ खाया किसी 1 को निपटा देते
  • अब syllabus देख कर ये सोचते हें की
  • एक महीना ओर होता तो दुनिया हिला देते.

  • हम कह पाते काश उन्हें के उन्ह दिल में बसाया है
  • दुनिया की निगाहों से उन्हें हमेशा छुपाया है
  • हम ज़ाहिर नहीं करना चाहते है अपने दिल की आशिकी को
  • के हमने अपने यार को ही अपना रब्ब बनाया है

  • हमारे बिन अधूरे तुम रहोगे,
  • कभी चाहा था किसी ने,तुम ये खुद कहोगे,
  • न होगे हम तो किसी ने ,तुम ये खुद कहोगे,
  • मिलेगे बहुत से लेकिन कोई हम सा पागल ना होगा.

  • ए खुदा मोहूबत भी तूने अजीब चीज बनाए है,
  • तेरे ही बन्दे तेरी मस्जिद में तेरे ही सामने रोते है,
  • लेकिन तुजे नहीं किसी और को पानेके लिये…

  • में खफा नहीं हूँ जरा उसे बता देना
  • आता जाता रहे यहाँ इतना समझा देना !
  • में उसके गम में शरीक हूँ
  • पर मेरा गम न उसे बता देना,
  • जिन्दगी कागज की किश्ती सही,
  • शक में न बहा देना !

  • ये किताबों के किस्से , ये फसानो की बातें ,
  • निगाहों की झिलमिल जुदाई की रातें|
  • महब्बत की कसमें , निभाने के वादे ,
  • ये धोखा वफ़ा का , ये झूठे इरादे |
  • ये बातें किताबी ,ये नज्में पुरानी ,
  • ना इन्की हकीक़त, ना इनकी कहानी|
  • न लिखना इन्हें , ना महफूज़ करना ,
  • ये जज्बे हैं बस, इनको महसूस करना..

  • अपनों से दूर है अपनों की तलाश ,
  • ज़िन्दगी से दूर है ज़िन्दगी की तलाश ,
  • मैं अपने आप को कभी समझ नहीं पाया ,
  • कि मैं जी रहा हूँ ज़िन्दगी या हूँ एक जिंदा लाश…..!!

  • 💖💖
  • मिर्ज़ा ग़ालिब शायरी इन हिंदी २ लाइन्स
  • 💖💖

  • चल मेरे हमनशीं चल अब इस चमन मे अपना गुजारा नही,
  • बात होती गुलोँ तक तो सह लेते हम अब तो काँटो पे हक़ भी हमारा नही”

  • “कभी चाहा तुझे ऐसा की रब जैसा पूजा, किस जगह मैने तुझे पुकारा नही,
  • यु दर्द देकर क्या मिला तुजे? कह देते की तुमसे मिलना अब गँवारा नही”

  • “अब चला हु घर से ये सोचकर कि इस साहिल का कोई किनारा नही,
  • ढुंढुगा उसे ईस नजर से ना पा सका तो अब कोई नजारा नही”

  • ऍ जालिमो अपनी किस्मत पे इतना नाज ना करो.
  • वक्त तो बदलता ही रहता है,
  • वो सुनेगा यकीँनन सदाऐँ ” अकेले की,
  • क्या खुदा सिर्फ तुम्हारा है, हमारा नही?

  • कभी पहली बार स्कूल जानेमे डर लगता था…आज अकेले ही दुनिया घूम लेते हे ।।
  • पहले 1st नंबर लानेके लिए पढ़ते थे, आज कमाने के लिए पढ़ते हें !!

  • गरीब दूर तक चलता हे… खाना खाने के लिए…
  • अमीर दूर तक चलता हे … खाना पचाने के लिए …

  • कीसी के पास खाने के लिये एक वक्त की रोटी नहीं हे …..
  • कीसी के पास रोटी खाने के लिए वक़्त ही नहीं हे …

  • कोई लाचार हे इस लिए बीमार हे, कोई बीमार हे इस लिये लाचार हे
  • कोई अपनों के लिए रोटी छोड देता हे, कोई रोटी के लिए अपनों को छोड़ देता हे

  • ये दुनीया भी कितनी निराली हे .. कभी वक़्त मीले तो सोचना…

  • कभी छोटी सी चोट लगनेपे रोते थे, आज दिल टूट जाने पर भी संभल जाते हें!
  • पहेले हम दोस्तों के सहारे रहते थे, आज दोस्तों की यादो मे रहते है!
  • पहले लड़ना मारना रोज़ का काम था, आज एक बार लड़ते हें तो रिश्ते खो जाते हे!

  • सच में जिन्दगीने बहुत कुछ सिखादिया, जाने कब हम को इतना बड़ा बना दिया

  • ……

  • हस्ती मिट जाती है आशियाँ बनाने मे,
  • बहुत मुस्किल होती है अपनो को समझाने मे,
  • एक पल मे किसी को भुला ना देना,
  • ज़िंदगी लग जाती है किसी को अपना बनाने मे…

  • दिल जित ले वो नजर हम भी रखते है,
  • भीड़ में नजर आये वो असर हम भी रखते है,
  • यु तो वादा किया है किसीसे मुस्कुराने का वरना आँखों में समंदर हम भी रखते है|

  • गुल को गुलाब बना देते,
  • गुलाब को कमल बना देते,
  • जानम तुम हम पर मरते नहीं,
  • वरना जोधपुर में भी ताजमहल बना देते!

  • बड़ी मुश्किल से बना हूँ टूट जाने के बाद,
  • मैं आज भी रो देता हूँ मुस्कुराने के बाद

  • तुझसे मोहब्बत थी मुझे बेइन्तहा लेकिन,
  • अक्सर ये महसूस हुआ तेरे जाने के बाद

  • अब तक ढून्ढ रहा हूँ मैं अपने अन्दर के उस शख्स को,
  • जो नज़र से खो गया है नज़र आने के बाद ..

  • चाँदनी चाँद करता है चमकना सितारोँ को पडता है
  • मोहब्बत आँखे करती है तडपना दिल को पडता है|

  • इतनी पीता हू की मदहोश रहता हू.
  • सब कुछ समझता हू पर खामोश रहता हू
  • जो लोग करते ह मुझे गिराने की कोशिश
  • मे अक्सर उन्ही के साथ रहता हू|

  • जब जब में लेता हूँ साँस तू याद आती है,
  • मेरी हर एक साँस मे तेरी खुश्बू बस जाती है,
  • कैसे कहूँ तेरे बिना में ज़िंदा हूँ,
  • क्यूंकी हर साँस से पहले तेरी खुसबु आती है…

  • घर से बाहर वो नक़ाब मे निकली
  • सारी गली उनकी फिराक मे निकली
  • इनकार करते थे वो हमारी मोहब्बत से
  • ओर हमारी ही तस्वीर उनकी किताब से निकली..

  • 💖💖
  • मिर्ज़ा ग़ालिब शायरी इन हिंदी २ लाइन्स
  • 💖💖

  •  गुल गई गुलशन गई, गई होंठो की लाली,
  • अब तो मेरा पीछा छोड़, तू हो गई बचो वाली

  • तू चाँद और मैं सितारा होता,
  • आसमान में एक आशियाना हमारा होता,
  • लोग तुम्हे दूर से देखते,
  • नज़दीक़ से देखने का हक़ बस हमारा होता..

  • अपनो को दूर होते देखा ,
  • सपनो को चूर होते देखा !
  • अरे लोग कहते हैँ कि फूल कभी रोते नही ,
  • हमने फूलोँ को भी तन्हाइयोँ मे रोते देखा !

  • दुनिया प्यार करती हे बड़े जोर के साथ
  • हमने भी किया था बड़े शोर के साथ
  • अब न करेंगे
  • करेंगे भी तो बड़े गौर के साथ
  • क्यों की
  • कल हमने उन्हें देखा था किसी और के साथ…

  • हभ क्योँ गम करेँ
  • अगर वो हमेँ ना मिले
  • अरे! गम तो वो करेँ
  • जिसे हम ना मिले

  • लोगों ने कहा की मैं शराबी हूँ,
  • मैने कहा उन्हो ने आँखों से पिलाइ है.
  • लोगों ने कहा की मैं आशिक़ हूँ,
  • मैने कहा आशिक़ी उन्हो ने सिखाई है.
  • लोगों ने कहा राहुल तू शायर दीवाना है,
  • मैने कहा उनकी मोहब्बत रंग लाई है.

  • कितना भी चाहो ना भूला पाओगे
  • हमसे जितना दूर जाओ नज़दीक पाओगे
  • हमे मिटा सकते हो तो मिटा दो
  • यादें मेरी, मगर….
  • क्या सपनो से जुदा कर पाओ गे हमे|

  • कभी किसी से प्यार मत करना
  • हो जाए तो इनकार मत करना
  • निभा सको तो चलना उसकी राह पर
  • वरना किसी की ज़िंदगी बरबाद मत करना

  • हम कहा थे इतने दिनों से …खुद हमको ही मालूम न था …
  • ये वक्त भी क्या गुल खिलाती हे हमको कुछ याद ही नहीं …
  • ज़िन्दगी के कुछ पल भी अजीब सी होती है खुद ही सो जाती हे…
  • जागना चाह तो आंख खुली ही नहीं जब जागा तो कुछ याद्द ही नहीं …

  • प्यार मे कोई दिल तोड़ देता है
  • दोस्ती मे कोई भरोसा तोड़ देता है
  • ज़िंदगी जीना तो कोई गुलाब से सीखे
  • जो खुद टूट कर दो दिलों को जोड़ देता है…

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  • मिर्ज़ा ग़ालिब शायरी इन हिंदी २ लाइन्स
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  • मिर्ज़ा ग़ालिब शायरी इन हिंदी २ लाइन्स

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  • जिंदगी में कुछ दोस्त खास बन गये
  • मिले तो मुलाकात और बिछड़े तो याद बन गये
  • कुछ दोस्त धीरे धीरे फिसलते चले गये
  • पर जो दिल से ना गये वो आप बन गये

  • नजर मिलाकर मेँरे पास आकर लुट लिया।
  • नजर हटी ही नहीँ थी कि फिर मुस्कुराकर लुट लिया ।

  • ऐ सुरज मेरे अपनो को पैगाम देना
  • खुशीयो का दिन हसी कि शाम देना
  • जब कोई पढे प्यार से मेरे SMS को
  • तो उन को चेहरे पर प्यारी सी मुस्कान देना


  • नज़र को नज़र की खबर ना लगे,
  • कोई अच्छा भी इस कदर ना लगे,
  • आपको देखा है बस उस नज़र से,
  • जिस नज़र से आपको नज़र ना लगे…!

  • चाहने से कोई चीज़ अपनी नही होती,
  • हर मुस्कुराहट खुशी की नही होती,
  • अरमान तो भूख होती है दिल मे,
  • मगर कभी वक़्त तो कभी किस्मत सही नही होती….

  • ना करो वो वादा जो पूरा ना हो सके,
  • ना चाहो उसे जिसे पा ना सको,
  • प्यार कहा किसीका पूरा होता है,
  • पहेला प्यार अकशर अधुरा ही होता है!!!!

  • काश मेरी ज़िन्दगी का अंत कुछ इस तरह हो
  • की मेरी कबर पे बना उनका घर हो
  • वो जब जब सोये ज़मीन पर
  • मेरे सीने से लगा उसका सर हो!

  • मा आपकी याद सताती है, मेरे पास आ जाओ,
  • थक गया हूँ, मुझे अपने आंचल मैं सुलावो,
  • उंगलियाँ अपनी फिराकार कर बालों में मेरे,
  • एक बार फिर से बचपन की लोरियाँ सूनाओ…

  • उगता हुआ सूरज दुआ दे आपको
  • खिलता हुआ फूल खुशबू दे आपको

  • हम तो कुछ भी देने के बाबिल नहीं,
  • देनेवाला हज़ार खुशिया दे आपको!

  • सैकड़ों नदियों को पीकर कश्तियाँ तक खा गए,
  • गाँव गलियां सब पचाकर बस्तियां तक खा गए,
  • वो वतन कि भूख को कैसे मिटायेंगे भला,
  • जो शहीदों कि चिताओं की अस्थियाँ तक खा गए!!

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  • मिर्ज़ा ग़ालिब शायरी इन हिंदी २ लाइन्स
  • 💖💖

  • खुशनसीब होते है वो लोग
  • जो इस देश पे कुरबान होते हैं
  • जान देके भी वो लोग अमर हो जाते हैं
  • करते हैं सलाम उन देश प्रेमियो को
  • जिनके कारण इस तिरंगे का मान होता है…

  • खुशनसीब होते है वो लोग
  • जो इस देश पे कुरबान होते हैं
  • जान देके भी वो लोग अमर हो जाते हैं
  • करते हैं सलाम उन देश प्रेमियो को
  • जिनके कारण इस तिरंगे का मान होता है…

  • जिंदगी में हर गम को छोड़ देना, ख़ुशी को नहीं,
  • हर मुश्किल को खो देना, कामयाबी को नहीं,
  • अगर ज़िन्दगी में कुछ खोना पड़े तो हमें खो देना,
  • पर अपनी हसी को नहीं……

  • आप क्या जानो हम आपको कितना याद करते है,
  • हरपाल आपकी फर्याद करते है,
  • रोज़ खत लिखते है कार्टून नेटवर्क को,
  • आप को दिखाने की माँग करते है.

  • मुहोबत के नशे में जब आदमी चूर होता है ,
  • उसे महएबूब का हर फैसला मंजूर होता है.

  • जो हमारा प्यार है,
  • उन्हे किसी और से प्यार है,
  • बस हार गये हम यह जानकार,
  • की जिससे उन्हे प्यार है, वो हमारा यार है …

  • गम ना कर ज़िंदगी बहुत बड़ी है,
  • चाहत की महफ़िल तेरे लिए सजी है,
  • बस एक बार मुस्कुरा कर तो देख,
  • तक़दीर खुद तुझसे मिलने बाहर खड़ी है…

  • यारो मेरे मरने के बाद, आँसू मत बहाना…
  • यारो… मेरे मरने के बाद, आँसू मत बहाना…

  • ज़्यादा याद आए, तो उपर चले आना…

  • नजरे मिल जाती है, मगर नजरिया नहीं,
  • प्यार हो जाता है, मगर उसका एहसास नहीं,
  • एसा क्यों होता है जिन्दगी में की-
  • दोस्त हज़ार मिल जाते है, मगर एक सच्चा जीवनसाथी नहीं……

  • निकले जब आँसू उसकी आँखो से,
  • दिल करता है सारी दुनिया जला दू,
  • फिर सोचता हू होंगे दुनिया मे उसके भी अपने,
  • कहीं अंजाने मे उसे और ना रुला दू..

  • सासों मे भी शामिल हो,
  • लहू मे भी रवा हो,
  • मगर मेरे हाथो की लकीरो मे कहा हो

  • कुछ सालों बाद नाजाने क्या समां होगा,
  • नाजाने कौन दोस्त कहाँ होगा,
  • फिर मिलना हुआ तो मिलेंगे यादों में,
  • जैसे सूखे गुलाब मिलते हैं किताबों में |

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